Budget 2023 में नेचुरल फार्मिंग पर रहा जोर, इस शख्स ने 10 हजार खर्च कर कमा लिया ₹2 लाख
Nautral Farming: वित्त मंत्री ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती (Prakriti Kheti) पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि अगले 3 वर्षों में सरकार 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता देगी.
विदेश से लौटकर शुरू की प्राकृतिक खेती. (Image- HP Agri Dept.)
विदेश से लौटकर शुरू की प्राकृतिक खेती. (Image- HP Agri Dept.)
Nautral Farming: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. वित्त मंत्री ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती (Prakriti Kheti) पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि अगले 3 वर्षों में सरकार 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता देगी. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर वितरित माइक्रो-फर्टिलाइजर और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनाते हुए 10,000 बायो इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
विदेश से लौटकर शुरू की प्राकृतिक खेती
प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के फायदे को जान हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले बीर सिंह ने इस विधि से खेती शुरू की. इसके लिए उन्होंने सुभाष पालेकर से प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली. उनका कहना है कि पहले वो कीटनाशकों से बच्चों को दूर रखते थे, अब बच्चे खेती आदान बनाते हैं. बीर सिंह ने विदेश से वापस लौटकर उन्होंने खेती की शुरुआत की लेकिन गिरती क्वालिटी से वह चिंतित थे. सब्जियों के साथ मुख्य संतरे की खेती करने वाले इस किसान ने वह समय भी देखा जब कम आकार के कारण उसे 5 से 7 रुपये प्रति किलो की दर से संतरा बेचना पड़ा. उसने इस स्थिति को बदलने की ठानी और इंटरनेट से शुरुआती जानकारी के बाद ट्रेनिंग लेकर प्राकृतिक खेती की शुरुआत की.
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प्राकृतिक खेती से उनको काफी फायदा हुआ. उन्होंने 3 बीघे जमीन पर संतरे और सब्जियों से प्राकृतिक खेती की शुरुआत की जिससे उन्हें अच्छे नतीजे मिले. इस समय वह 21 बीघा जमीन को प्राकृतिक खेती में बदल चुके हैं. उन्होंने मिश्रित खेती में बंसी गेहूं, चना, सरसों, बैंगन, मटर, संतरे, नींबू और किन्नू की खेती की. बंसी गेहूं और चने से ही उन्होने 15,000 रुपये का मुनाफा कमाया.
पशुचारे के लिए बरसीम पर भी बीर सिंह ने प्राकृतिक खेती विधि को अपनाया जिससे क्षेत्र में बरसीम पर बीमारी आने के बावजूद भी उनके खेतों में कोई नुकसान नहीं हुआ. बीर सिंह आसपास के कई किसानों को प्राकृतिक खेती के घटक बनाना सिखाते हैं और अपने संसाधन भंडार से तैयार अलग-अलग घटक भी देते हैं.
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प्राकृतिक खेती से मुनाफा बढ़ा
बीर सिंह का अगला मकसद सुभाष पालेकर जंगल मॉडल बनाना है जिसके लिए वह अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह विविध फल-सब्जी और अनाज इस विधि से उगाएंगे ताकि शुद्ध खान-पान की उपलब्धता को बेहतर किया जा सके. हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक, पहले वो रासायनिक खेती में 40,000 रुपये खर्च कर 2,00,000 रुपये कमाते थे, लेकिन प्राकृतिक खेती (Natural Farming) अपनाने के बाद खर्च घटकर 10,000 रुपये हो गया और मुनाफा 2 लाख रुपये हुआ.
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06:28 PM IST